घर में ध्यान रखें तुलसी से जुड़ी बातें
तुलसी का पौधा घर की उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। ध्यान रखें दक्षिणी दिशा में तुलसी लगाने से बचना चाहिए।
अगर उत्तर दिशा में तुलसी लगाने में कोई परेशानी हो तो पूर्व दिशा में इस पौधे को लगा सकते हैं। तुलसी के साथ ही एक शालिग्राम भी हमेशा रखना चाहिए।
रोज सुबह स्नान के बाद तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए। बाल गोपाल को भोग लगाते समय तुलसी के पत्ते जरूर साथ में रखें। तुलसी के बिना बालगोपाल भोग स्वीकार नहीं करते हैं।
सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। ध्यान रखें शाम को तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
आयुर्वेद में तुलसी का उपयोग कई तरह की औषधियों में किया जाता है। नियमित रूप से तुलसी के पत्तों का सेवन करने से हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तुलसी के अर्क से हमारा इम्यून सिस्टम सुधरता है।
शिवजी और गणेशजी की पूजा में तुलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए। शिवजी ने तुलसी के पति शंखचूड़ का वध किया था। इसकारण इसका उपयोग शिव पूजा में नहीं होता है। गणेशजी और तुलसी ने एक-दूसरे को श्राप दिया था। इस वजह से गणेशजी भी तुलसी को स्वीकार नहीं करते हैं।
वास्तु की मान्यता है कि तुलसी से घर के कई दोष दूर होते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति पर भी इसका शुभ असर होता है। तुलसी की महक से घर के आसपास के वातावरण में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु नष्ट होते हैं।
ध्यान रखें घर में तुलसी का सूखा पौधा नहीं रखना चाहिए। अगर पौधा सूख जाए तो बहती नदी या तालाब में प्रवाहित कर सकते हैं। तुलसी के पीले और खराब पत्तों को भी हटा देना चाहिए। नियमित रूप से तुलसी की देखभाल करनी चाहिए।
तुलसी के पत्ते एकादशी, रविवार और सूर्य या चंद्र ग्रहण समय तोड़ने से बचना चाहिए। अगर इन तिथियों पर तुलसी की जरूरत हो तो तुलसी के नीचे गिरे हुए पत्तों को उठाकर उपयोग कर सकते हैं। पुराने पत्तों को धोकर फिर से पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते कभी नहीं तोड़ना चाहिए। बिना काम से तुलसी के पत्तों को तोड़ने पर हम पाप के भागी बन जाते हैं। अकारण इसके पत्तों को तोड़ना तुलसी का पौधा उखाड़ने के समान है।
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