ये दो लाइन दोस्तो के लिए।
के किसी रोज़ याद ना कर पाए तो खुद गर्ज ना समझ लेना दोस्त।
दर असल छोटी सी उम्र में परेसनिया बहोत हैं।
मैं भुला नहीं हु।
मेरे बड़े अच्छे दोस्त हैं।
जमाने में पर जिंदगी उलझी पड़ी है।
दो वक्त की रोटी कमाने में।
महादेव हर
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